बुलंदशहर : दूध हम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पीते हैं। लेकिन मार्केट में कौन सा दूध असली है और कौन सा नकली पहचानना मुश्किल है। भारत के हर घर में दूध की मांग है. अधिक मांग होने के कारण बाजार में बड़ी मात्रा में नकली दूध मौजूद है. हालात यह है कि टैंकर भर-भर नकली दूध दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नकली दूध से भरी एक टैंकर पकड़ी गई है. दूध की शक्ल में ‘सफेद जहर’ बाजार में न पहुंच जाए, उससे पहले ही 1400 लीटर दूध गड्डे में बहा दिया गया.
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बुलन्दशहर: ये दूध नहीं सफेद जहर है, जिसे आज फ़ूड सेफ्टी टीम ने पकड़ा और नष्ट करा दिया।
व्हे पाउडर, खुला रिफाइंड, ग्लूकोज और केमिकल से नकली दूध बनाया जा रहा था।
सफेद जहर को दिल्ली, नोएडा, ग़ाज़ियाबाद, फरीदाबाद और गुड़गांव में सप्लाई किया जाता था। pic.twitter.com/5iYWk3YYNV
— Marwadi Club (@MarwadiClub) July 17, 2024
यूपी के बुलंदशहर में बन रहा था नकली दूध
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली दूध पकड़ा है. यह नकली दूध केमिकल मिलाकर तैयार किया जा रहा था और दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई किया जा रहा था. इस मामले में 1400 लीटर नकली दूध नष्ट कर दिया गया और जांच के लिए 4 सैंपल भेजे गए हैं.
रिफाइंड, ग्लूकोज, सर्फ से बनाते थे नकली दूध
आरोपी के घर पर 15 किलो सर्फ पाउडर, 150 लीटर लिक्विड ग्लूकोज, 15 लीटर रिफाइंड तेल मिला. इसके साथ ही एक बर्तन में खुला रिफाइंड तेल और दूध मिला. सभी सैंपल जांच के लिए भेजे गए. जांच रिपोर्ट मिलने के बाद केस दर्ज किया जाएगा. नकली दूध से जुड़े कई बातों की सच्चाई जानने के लिए मीडिया ने फूड सेफ्टी ऑफिसर से बात की, और उनसे कई सारे सवालों के जवाब लिए.
नकली दूध की खपत कहां होती है?
फूड सेफ्टी ऑफिसर ने बातचीत में बताया कि नकली दूध का अधिकतर खपत दूध डेयरी में होता है, इसके बाद होटल और ढाबों पर नकली दूध दिए जाते हैं.
रिफाइंड, ग्लूकोज, सर्फ का नकली दूध में क्यों किया जाता है उपयोग?
फूड सेफ्टी ऑफिसर के मुताबिक, रिफाइंड का उपयोग नकली दूध में चिकनाहट लाने के लिए करते हैं, जबकि ग्लूकोज का प्रयोग मीठापन लाने में करते हैं. सफेद झाग बना रहे इसलिए सर्फ का इस्तेमाल किया जाता है.
डोर-डोर क्यों नहीं देते नकली दूध?
इस सवाल पर फूड सेफ्टी अफसर का कहना है कि अगर नकली दूध का धंधा करने वाले लोग घर में जाकर दूध देने लगे तो पकड़ जाएंगे, घर के लोग दूध के स्वाद से पहचान कर लेंगे, इसलिए नकली दूध घर में सीधे न देकर डेयरी में दिया जाता है, जहां हजारों लीटर दूध में नकली दूध मिलाया भी गया तो किसी को पता ही नहीं चलता.
नकली मावा और घी बना फूड सेफ्टी के लिए चुनौती
फूड सेफ्टी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की. जांच के दौरान हमने 1400 लीटर नकली दूध जब्त किया और उसे तुरंत नष्ट करा दिया. साथ ही, हमने कुछ सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे हैं.” यह घटना दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है. पिछले कुछ महीनों में नकली मावा और घी के मामले सामने आने के बाद यह तीसरा बड़ा मामला है, जो इस क्षेत्र में खाद्य मिलावट के बढ़ते खतरे को दर्शाता है.