बुंदेलखंड (Bundelkhand) के महोबा (Mahoba) में बैंक और साहूकारों के कर्ज से परेशान किसान व पांच बेटियों के बुजुर्ग पिता ने कीटनाशक पी कर आत्महत्या कर ली. बुजुर्ग किसान की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उधर किसान की मौत की खबर सुनते ही साहूकारों ओर बैंक कर्मियों में हड़कंप मच गया है.
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महोबा के कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के बोरा गांव में रहने वाले बुजुर्ग किसान राम सनेही बेटियों की शादी व परिवार के भरण पोषण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से लाखों रुपए का लोन ले रखा था. वहीं बेटियों की शादी के लिए जो कर्ज लिया था उसकी अदायगी को लेकर उसने साहूकारों से भी ज्यादा ब्याज दरों पर कर्ज ले लिया था. साहूकार के कर्ज को चुकाने के दबाव को लेकर रामसनेही शराब का भी आदि हो गया था. अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि इतनी कम खेती में वह बैंक और साहूकारों के कर्ज की अदायगी कैसे कर सकेगा.
बीते दिनों साहूकार व बैंक कर्मियों के द्वारा लगातार दबाव बनाया जा रहा था, जिससे परेशान होकर किसान ने जहरीला पदार्थ का सेवन कर लिया. किसान को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. इलाज के दौरान बुजुर्ग किसान व पांच बेटियों के पिता की मौत हो गई. मृतक किसान के दामाद रामसनेही ने बताया कि मेरे ससुर के ऊपर बैंक और साहूकारों का बड़ा कर्जा हो गया था.
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