एक बेहद परेशान करने वाले मामले में, प्राणी विज्ञानी एडम ब्रिटन को ऑस्ट्रेलिया में 249 साल की जेल की सज़ा सुनाई गई है. उसे चालीस से अधिक कुत्तों के साथ बलात्कार, उन्हें प्रताड़ित करने और उनकी हत्या करने का दोषी पाया गया. इनमें से 40 की मौत हो गई. द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, मगरमच्छ विशेषज्ञ जिसे ‘दुनिया का सबसे बुरा एनिमल एब्यूजर’ कहा जाता है, अपनी सज़ा सुनाए जाने से पहले अदालत में रो पड़ा.
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द सन के अनुसार, ब्रिटन पर पिछले वर्ष एक शिपिंग कंटेनर के अंदर ‘टॉर्चर रूम’ में पशुओं के साथ दुर्व्यवहार और यौन दुर्व्यवहार करने से संबंधित 60 आरोप हैं’ एडम ब्रिटन का जन्म 1971 में वेस्ट यॉर्कशायर में हुआ था. उसने लीड्स यूनिवर्सिटी में प्राणीशास्त्र का अध्ययन किया और बाद में ब्रिस्टल विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.
ब्रिटन पर थे ये आरोप
चार्ल्स डार्विन यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्चर के रूप में काम करते समय, उस पर कई पशु क्रूरता और यौन शोषण अपराधों का आरोप लगा गए. इसके अलावा उन पर चाइल्ड एब्यूज सामग्री रखने और उसे प्रसारित करने और पशु क्रूरता के 37 मामलों का आरोप है.
एडम ब्रिटन और ‘पैराफिलिया’
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक सुनवाई के दौरान, ब्रिटन की बचाव टीम ने तर्क दिया कि वह अपने कामों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं था. उन्होंने दावा किया कि वह दो साल की अवधि (जब उसने अपने अपराध किए) के दौरान ‘पैराफिलिया’ से पीड़ित था.
‘पैराफिलिया’ क्या है?
वेबएमडी के अनुसार, पैराफिलिया में असामान्य यौन व्यवहार या आवेगों से होती है जिसमें बार-बार तीव्र यौन कल्पनाएँ और आग्रह शामिल होते हैं. यह स्थिति व्यक्तियों को असामान्य वस्तुओं, गतिविधियों या स्थितियों के साथ यौन गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकती है जिन्हें आमतौर पर दूसरों द्वारा यौन रूप से उत्तेजित नहीं माना जाता है. पैराफिलिया से जुड़े व्यवहार महत्वपूर्ण संकट पैदा कर सकते हैं और इसके गंभीर सामाजिक और कानूनी परिणाम हो सकते हैं.
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